कुलाधिपति/राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। इस समारोह में 5387 विद्यार्थियों को स्नातक और परास्नातक डिग्रियां प्रदान की गईं, 43 विद्यार्थियों को मेडल प्रदान किए गए। राज्यपाल द्वारा डिजिलॉकर पर सभी विद्यार्थियों की डिग्रियां लाइव की गई। राज्यपाल ने समारोह में 24 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधियां देकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर भारतीय कंप्यूटर विज्ञान के अग्रणी और सुपर कंप्यूटर के जनक, पद्मभूषण डॉ. विजय पांडुरंग भटकर, को डी. लिट. और ‘‘टॉयमैन ऑफ इंडिया’’ के नाम से प्रसिद्ध, पद्मश्री श्री अरविंद कुमार गुप्ता को डीएससी की मानद उपाधि दी गई।

राज्यपाल ने अपने दीक्षांत संबोधन में विद्यार्थियों की मेहनत, लगन और प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हुए कहा कि डिग्री प्राप्त करना केवल एक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक नई जिम्मेदारी की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि आज आपके जीवन में नई संभावनाओं के द्वार खुल चुके हैं। राज्यपाल ने कहा कि आप जिस क्षेत्र में भी जाएं अपने समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ सर्वश्रेष्ठ योगदान दें, जो राष्ट्र और समाज के हित में हो।

राज्यपाल ने भारत की तेजी से बदलती वैश्विक भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत आज दुनिया की एक प्रमुख युवा शक्ति बनकर उभर रहा है। हमारा युवा हर क्षेत्र में नेतृत्व कर रहा है। भारतीय स्टार्टअप्स की संख्या आज 1.25 लाख से अधिक हो चुकी है। छोटे शहरों और गांवों से निकले युवा खेल, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और व्यवसाय में विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। यह दर्शाता है कि भारत का युवा जोखिम लेने में सक्षम है और चुनौतियों का सामना करने का साहस रखता है।

राज्यपाल ने कहा कि युवाओं के हाथों में देश का भविष्य है और उनकी ऊर्जा, गति और कौशल ही नए भारत को आकार देगी। आज पूरी दुनिया भारत की ओर आशा और उम्मीद भरी नजरों से देख रही है जिस पर हमारे युवाओं को खरा उतरना है। उन्होंने विश्वास जताया कि आज की युवा पीढ़ी अपने कौशल, नवाचार और समर्पण से विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करेगी।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन, क्वांटम कंप्यूटिंग और मेटावर्स जैसी आधुनिक तकनीकों में दक्षता हासिल करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इन तकनीकों के माध्यम से शिक्षा, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाए जा सकते हैं।

इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी और कहा कि वे जिस भी क्षेत्र में जाएं, वहां ईमानदारी और सकारात्मकता के साथ कार्य करें। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आपके जज्बे और प्रतिभा के आगे कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।

समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह ने प्रगति आख्या प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि तकनीकी नवाचारों के माध्यम से पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय ने प्रभावी कदम उठाए हैं।

इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री, उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओ.पी.एस. नेगी, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरुण कुमार त्रिपाठी, उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार के कुलपति प्रो. परविंदर कौशल एवं कुलसचिव प्रो. सतेन्द्र सिंह सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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